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योगेश को मिलेगा देश का मलखंभ में पहला द्रोणाचार्य अवार्ड
मलखंभ के गढ़ उज्जैन का नाम अब मलखंभ और खेल जगत में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। उज्जैन के मलखंभ कोच योगेश मालवीय को भारत सरकार की ओर से खेल रत्न अवार्ड द्रोणाचार्य से सम्मानित किया जाएगा। देश में मलखंभ के क्षेत्र में यह पहला द्रोणाचार्य अवार्ड होगा। अभावों के बीच मलखंभ साधना को जारी रखने वाले योगेश को राष्ट्रीय खेल दिवस (29 अगस्त) पर भारत सरकार की ओर से यह अवार्ड दिया जाएगा। 40 वर्षीय योगेश का नाम इसके लिए तय हो चुका है, जिसकी केवल अधिकृत घोषणा होना बाकी है। किसी भी खेल में प्रशिक्षक के रूप में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए द्रोणाचार्य अवार्ड दिया जाता है।
भारतीय मलखंभ महासंघ के अध्यक्ष डॉ. रमेश हिंडोलिया ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा महासंघ की ओर से भी केवल योगेश का नाम ही भेजा था। डॉ. हिंडोलिया ने बताया देश में मलखंभ के लिए यह पहला द्रोणाचार्य अवार्ड होगा। शहर में ही गुदरी चौराहा क्षेत्र में रहने वाले योगेश 7 वर्ष की उम्र से मलखंभ कर रहे हैं। उन्होंने 16 वर्ष की उम्र से खुद मलखंभ करने के साथ ही इसका प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया था।
योगेश के पिता धर्मपाल मालवीय महाकाल मंदिर के समीप ही प्रेस और ड्रायक्लीन की दुकान संचालित करते थे। आर्थिक संकट के चलते बचपन से ही योगेश उनकी दुकान संभालने लग गए। धोबी घाट पर जाकर कपड़े धोने और प्रेस करने के साथ ही उन्होंने अपना मलखंभ का अभ्यास भी जारी रखा। शुरुआत में उन्होंने कबड्डी के खेल में अभ्यास किया लेकिन धीरे-धीरे वे मलखंभ और योग के प्रति पूरी तरह समर्पित हो गए। 2006 में महाकाल क्षेत्र में ही पिता के साथ भक्ति भंडार की दुकान खोली। प्रशिक्षण देने के बाद नियमित यहां कंठी-माला बेचने का कार्य भी किया।
योगेश को वर्ष 2012 में मिल चुका है राज्य शासन से विश्वामित्र अवार्ड
योगेश देशभर में मलखंभ प्रशिक्षक के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। इसी वजह से 2006 में शाजापुर में खेल एवं युवक कल्याण विभाग में उनकी मलखंभ डिस्ट्रिक्ट कोच के रूप में नियुक्ति की गई। 2012 में मलखंभ प्रशिक्षक के रूप में ही उन्हें राज्य शासन की ओर से विश्वामित्र अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उनके शिष्य पंकज सोनी और चंद्रशेखर चौहान (2014) को विक्रम अवार्ड, तरुणा चावरे को 2018 में विश्वामित्र अवार्ड मिल चुका है। 2010 में भोपाल में लाल परेड मैदान पर हुए मलखंभ के प्रदर्शन में भी योगेश को शासन की ओर से प्रथम पुरस्कार दिया गया। 2018 में राजपथ पर भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा शामिल की गई मलखंभ की झांकी में भी उन्हें प्रथम पुरस्कार मिला। उनके शिष्य मप्र के एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने मलखंभ में रोप, पोल व हैंगिंग मलखंभ में स्वर्ण पदक हासिल किए। योगेश व उनके शिष्य 15 से अधिक टीवी रियलिटी शो में भी सहभागिता कर पूरी दुनिया में मलखंभ की पताका फहरा चुके हैं। सोनी टीवी पर इंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा शो में वह पांच बार वीकली विनर रहे। इंडियाज गॉट टैलेंट में भी वे और उनकी टीम फर्स्ट रनर अप रही।